नई दिल्ली: अमेरिका के शीर्ष आर्थिक सलाहकार ने भारत की कड़ी आर्थिक नीति पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि भारत अमेरिकी उत्पादों के लिए बाजार खोलने को लेकर अपनी स्थिति में बदलाव करने से इनकार कर रहा है। इस मुद्दे को लेकर अमेरिकी पक्ष ने भारत की “अटलता” की आलोचना की है, जिसका मतलब है कि भारत अपनी जिद पर कायम है और अमेरिकी कंपनियों को अपने बाजार में आसानी से प्रवेश देने को तैयार नहीं है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कड़ी सीमा शुल्क नीति के तहत व्यापार समझौतों को पुनः निर्धारित करने की रणनीति के प्रभाव भारत पर भी स्पष्ट नजर आ रहे हैं। अमेरिकी आर्थिक परिषद के निदेशक ने चेताया है कि अगर भारत ने अपनी व्यापार नीति में कोई नरमी नहीं दिखाई, तो अमेरिका सख्त दवाब और अन्य कदम उठा सकता है।
यह बयान उस समय आया है जब भारत-यूएस व्यापार संबंध कई मौजूदा चुनौतियों से गुजर रहे हैं। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि भारत को अमेरिकी उत्पादों के लिए अधिक अवसर देने होंगे ताकि दोनों देशों के बीच व्यापारिक बाधाएं कम हो सकें।
संक्षेप में, मुख्य बिंदु:
- अमेरिका भारत की कठोर आर्थिक नीति पर चिंतित है।
- भारत अमेरिकी उत्पादों के लिए बाजार खोलने में असहमति रखता है।
- अमेरिका ने भारत की अटलता की आलोचना की है।
- अगर भारत ने नीति नरम नहीं की, तो अमेरिका सख्त परिणाम दे सकता है।
- दोनों देशों के बीच व्यापार बाधाओं को कम करना आवश्यक है।
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