नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच बदलते राजनीतिक माहौल में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत के प्रति रवैये में बड़ा बदलाव देखा गया है। पूर्व राजदूत ने बताया कि ट्रंप प्रशासन ने महसूस किया कि भारत को आदेश देकर नहीं चलाया जा सकता. यह एक महत्वपूर्ण साफ़-सूत्री निकली है, जो द्विपक्षीय संबंधों में नई राह खोल सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के बढ़ते कूटनीतिक और आर्थिक प्रभाव को देखते हुए अमेरिकी प्रशासन को अपनी नीतियों में लचीलापन दिखाना पड़ा है। भारत का खुदमुख्तार भाव अमेरिका के लिए नयी समझ की दिशा में एक संकेत है। यह बदलाव दोनों देशों के बीच सुरक्षा, व्यापार और सामरिक साझेदारी को मजबूत कर सकता है।
पूर्व राजदूत का कहना है कि इस बदलाव के पीछे भारत की सार्वभौमिक नीति और वैश्विक मंचों पर उसकी बढ़ती सक्रियता मुख्य कारण हैं। ट्रंप प्रशासन की यह सोच भारत के प्रति सम्मान और समानता की भावना को दर्शाती है।
भारत की इस स्थिति को समझने के बाद अमेरिका अपने नए रणनीतिक एजेंडे को तैयार कर रहा है, जो दोनों देशों के हितों को बेहतर ढंग से परिभाषित करेगा।
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