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आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि तेजी से नजदीक आ रही है, जिससे करदाताओं में चिंता बढ़ गई है। इस परिस्थिति में विभिन्न वर्गों और हितधारकों द्वारा इस अंतिम तिथि में विस्तार मांगने की आवाज़ उठ रही है।
विस्तार की मांग के प्रमुख कारण
- तकनीकी समस्याएँ: सरकारी पोर्टल पर बार-बार आने वाली तकनीकी दिक्कतें आयकर रिटर्न दाखिल करने में बाधा डाल रही हैं।
- कोविड-19 महामारी का प्रभाव: महामारी के कारण आर्थिक गतिविधियों में बाधा और कर्मचारियों की अनुपलब्धता के चलते समय पर रिटर्न भरना मुश्किल हो गया है।
- जटिलता और नया नियमावली: हाल ही में लागू हुए नए नियम और जटिल उत्तरदायित्वों को समझने और उन्हें सही तरीके से लागू करने के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत है।
- संगठनात्मक कमी क्षमता: छोटे उद्यम और व्यक्तिगत करदाता तकनीकी और प्रशासनिक संसाधनों की कमी के कारण समय पर रिटर्न नहीं भर पा रहे हैं।
विस्तार का लाभ
- करदाताओं को रिटर्न भरने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
- गलतियों और त्रुटियों को सुधारने का मौका मिलेगा।
- संयुक्त प्रयास से अधिक सटीक और पूर्ण सूचना प्रस्तुत करने में सहायता मिलेगी।
- आयकर विभाग और करदाताओं के बीच बेहतर समन्वय और सहयोग सुनिश्चित होगा।
निष्कर्षतः, समय सीमा में विस्तार से करदाताओं को राहत मिलेगी और आयकर प्रक्रिया अधिक सुचारू एवं पारदर्शी बनेगी। इसलिए, इस तरह की मांगें न्यायसंगत और आवश्यक मानी जा रही हैं।
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