केंद्र सरकार ने नई डेटा संरक्षण नीति जारी की है, जिसका उद्देश्य निजी डेटा की सुरक्षा और निजता की रक्षा को बढ़ावा देना है। यह नीति 2024 में लागू होगी और तकनीकी युग में नागरिकों के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
घटना क्या है?
सरकार ने अप्रैल 2024 में नई डेटा संरक्षण नीति घोषित की है, जिसमें व्यक्तिगत एवं संवेदनशील डेटा की रक्षा के लिए कड़े नियम बनाए गए हैं। इस नीति के अनुसार, सभी कंपनियों और संगठनों को उपयोगकर्ताओं के डेटा की सुरक्षा के लिए पारदर्शी उपाय अपनाने होंगे।
कौन-कौन जुड़े?
- सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग
- केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया इकाई
नीति का क्रियान्वयन डेटा संरक्षण प्राधिकरण के माध्यम से होगा, जिसका गठन खासतौर पर इस काम के लिए किया जाएगा। संसद के दोनों सदनों में इस नीति पर व्यापक चर्चा हुई है।
आधिकारिक बयान/दस्तावेज़
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने संसद में बताया कि नीति का उद्देश्य भारत को वैश्विक डेटा सुरक्षा मानकों के अनुरूप लाना है। मंत्रालय की आधिकारिक प्रेस रिलीज़ के अनुसार नीति में शामिल प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
- यूजर की सहमति के बिना डेटा संग्रहण पर प्रतिबंध
- डेटा के क्रॉस-बॉर्डर ट्रांसफर के लिए पाबंदियां
- डेटा उल्लंघन पर सख्त दंड
पुष्टि-शुदा आँकड़े
नीति के तहत 500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जिसमें डेटा सुरक्षा प्राधिकरण की स्थापना और अवसंरचना के विकास पर खर्च होगा। नीति लागू होने के बाद डेटा उल्लंघन के मामलों में 40% की कमी का अनुमान है।
तत्काल प्रभाव
- कंपनियों द्वारा उपयोगकर्ताओं के डेटा प्रबंधन में पारदर्शिता बढ़ेगी।
- भारतीय नागरिकों की ऑनलाइन निजता में सुधार होगा।
- विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा।
- डेटा उल्लंघन के मामलों में कमी से बाजार में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
प्रतिक्रियाएँ
सरकार ने इसे डिजिटल सुरक्षा के प्रति एक गंभीर प्रयास बताया है। विपक्ष ने नीति को महत्वपूर्ण मानते हुए कुछ क्षेत्रों में और सुधार की मांग की है। विशेषज्ञों ने इसे सकारात्मक कदम करार दिया है, जो भारत को वैश्विक डिजिटल सुरक्षा मानकों के करीब लाता है। उद्योग जगत ने भी नीति का स्वागत किया, लेकिन समुचित प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध कराने की अपील की है।
आगे क्या?
- आगामी छह महीनों में डेटा संरक्षण प्राधिकरण का गठन कर निगरानी शुरू की जाएगी।
- कंपनियां और संगठन नीति पालन हेतु आवश्यक प्रशिक्षण आयोजित करेंगे।
- अगले वर्ष के अंत तक एक कार्यान्वयन रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
यह नीति भारत के डिजिटल राजस्व क्षेत्र में सुरक्षा और विश्वास दोनों को बढ़ावा देने वाली एक महत्वपूर्ण पहल है। ताज़ा अपडेट्स के लिए पढ़ते रहिए Questiqa Bharat।
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