जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्लाह ने प्रदेश में चल रही इंटरनेट सेवा बंदी को लेकर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इस स्थिति को 2014 और 2019 में हुए इंटरनेट बंदी के दौर जैसा बताया। इसके चलते लोगों की दैनिक जीवन और सूचनाओं तक पहुंच पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।
इंटरनेट बंदी के प्रभाव
- छात्रों को पढ़ाई में बाधा
- कारोबारियों को आर्थिक नुकसान
- आम जनता को संचार की कठिनाई
- आवाजाही और सामाजिक गतिविधियों में रुकावट
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से जल्दी समाधान निकालने और इंटरनेट सेवा को बहाल करने का आग्रह किया है। सुरक्षा कारणों को इंटरनेट बंद करने का कारण बताया गया है, परंतु इससे लोगों की आवाजें दब रही हैं तथा व्यापारिक गतिविधियाँ भी ठप्प हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया
सरकार ने इस समस्या के जल्द हल होने की उम्मीद जताई है, जिससे जनता की असमंजस और निराशा दूर हो सके। Stay tuned for Questiqa Bharat for more latest updates।
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