भारत ने जम्मू-कश्मीर में दो जल विद्युत परियोजनाओं को लेकर द हाग की स्थायी मध्यस्थता न्यायालय के फैसले को अस्वीकार कर दिया है। सरकार ने स्पष्ट किया कि उसने पाकिस्तान के साथ विवाद समाधान के इस ढांचे को कभी मान्यता नहीं दी।
यह मामला स्थायी मध्यस्थता न्यायालय द्वारा लिया गया था, जहां पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में भारत के द्वारा संचालित जल प्रोजेक्ट्स पर आपत्ति जताई थी। भारत ने इस फैसले को गैरकानूनी बताया और इसे पाकिस्तान की रणनीति का हिस्सा करार दिया।
भारत के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह निर्णय वास्तविकता से दूर है और इसे पाकिस्तान की राजनीतिक इच्छा के अनुरूप तैयार किया गया है। सरकार ने कहा कि भारत के राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को कोई चुनौती स्वीकार नहीं की जाएगी।
यह विवाद भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चल रहे रिश्तों की एक जटिल कड़ी है।
स्टे ट्यून फॉर डीप डाइव्स फॉर मोर लेटेस्ट अपडेट्स।
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