नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि हिंदी किसी भी भारतीय भाषा के खिलाफ नहीं है, बल्कि हिंदी सभी भारतीय भाषाओं की दोस्त है। उनका यह बयान भाषा को लेकर देश में बढ़ते मतभेदों और असहमति के बीच एक सकारात्मक भूमिका निभाता है।
अमित शाह ने स्पष्ट किया कि देश में किसी भी विदेशी भाषा के खिलाफ कोई विरोध नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाषा की विविधता हमारे देश की शक्ति है और सभी भाषाएं मिलकर भारत की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करती हैं।
गृह मंत्री के इस बयान से यह संकेत मिलता है कि केंद्र सरकार भाषा को लेकर समावेशी नीति अपनाने की कोशिश कर रही है। हिंदी को प्रमुखता देने के बावजूद, यह माना जाता है कि अन्य भारतीय भाषाओं का भी समान सम्मान और संरक्षण होना चाहिए।
अमित शाह का यह वक्तव्य सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने और भाषाई मतभेदों को कम करने के उद्देश्य से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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