नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में आज से 62 लाख वाहनों को पेट्रोल और डीजल नहीं मिलेगा। यह कदम वायु प्रदूषण कम करने के लिए उठाया गया है। राजधानी में वाहनों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण का सबसे बड़ा स्रोत है, जो कुल प्रदूषण का 51 प्रतिशत हिस्सा होता है।
अधिकारियों के अनुसार, इस प्रतिबंध का उद्देश्य दिल्ली की हवा को स्वच्छ और सांस लेने योग्य बनाना है। इसके अलावा, सरकार प्रदूषण नियंत्रण के लिए और भी कड़े नियम लागू कर रही है। पेट्रोल पंपों पर आज से इन लाखों वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा जिससे आवागमन प्रभावित हो सकता है।
यह निर्णय दिल्ली-मौसम सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। लोगों से अपील की गई है कि वे सार्वजनिक परिवहन का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें और पर्यावरण को बचाने में मदद करें।
इस प्रतिबंध से डीजल और पेट्रोल की खपत में कमी आने की उम्मीद है, जिससे प्रदूषण में भी गिरावट आएगी। इस योजना के सफल पालन पर प्रशासन और लोगों की निगाहें टिकी हैं।
मुख्य बिंदु:
- 62 लाख वाहनों को पेट्रोल-डीजल बिक्री पर प्रतिबंध।
- वाहनों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण का 51% हिस्सा।
- उद्देश्य: दिल्ली की हवा को स्वच्छ बनाना।
- सरकार द्वारा कड़े प्रदूषण नियंत्रण नियमों का पालन।
- लोगों से सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की अपील।
यह कदम दिल्ली के पर्यावरण को बेहतर बनाने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण उपाय है, जिसका असर आने वाले दिनों में देखा जाएगा।
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