नई दिल्ली: भारत सरकार ने अपने सशस्त्र बलों के लिए तीन महत्वपूर्ण संयुक्त सैन्य सिद्धांत जारी किए हैं। इस नई रणनीति में आने वाले दशक में विशेष ऑपरेशनों के चरित्र को बदलने वाली क्रांतिकारी तकनीकों और उनके उपयोग पर विशेष जोर दिया गया है।
संयुक्त सैन्य सिद्धांतों की मुख्य विशेषताएँ
इन सिद्धांतों में विशेष रूप से निम्नलिखित बातों पर ध्यान केंद्रित किया गया है:
- हथियार प्रणालियों में नवीनतम विकास – हथियारों की नई तकनीकों को अपनाना और उनका प्रभावी उपयोग।
- युद्धक्षेत्र पर क्रांति – युद्ध करने के नए तरीके जो सैन्य संचालन में सुधार लाएंगे।
- सुरक्षा क्षेत्र में तालमेल – सशस्त्र बलों की अलग-अलग शाखाओं के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना।
रणनीतिक महत्त्व
प्रधान रक्षा प्रमुख जनरल अनिल चौहान ने इस अवसर पर कहा कि यह दस्तावेज़ न केवल वर्तमान चुनौतियों का सामना करने में सहायक होगा, बल्कि भविष्य में संभावित खतरों से निपटने के लिए भी मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
यह पहल भारत के रक्षा तंत्र को अधिक सक्षम और आधुनिक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से भारत की रक्षा क्षमताओं को और मजबूत किया जाएगा, जिससे देश की सुरक्षा और मजबूती सुनिश्चित होगी।
सशस्त्र बलों के सुधार एवं तालमेल को बढ़ावा देते हुए ये सिद्धांत सुरक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने का प्रयास हैं।
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