नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण सम्मेलन के दौरान, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर अपनी सोच साझा की। उनका कहना था कि वैश्विक स्तर पर कोई भी देश स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता।
उन्होंने जोर देकर कहा कि देशों के बीच रिश्ते समय, परिस्थिति और हितों के अनुसार बदलते रहते हैं। इसलिए, भारत की विदेश नीति भी तीव्र बदलावों के अनुरूप लचीली और समर्पित होनी चाहिए।
राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर यह भी उल्लेख किया कि भारत अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए तैयार है, लेकिन साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वायत्तता को सर्वोपरि रखेगा।
उनके इस बयान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की रणनीतिक दृष्टिकोण की स्पष्ट झलक माना जा रहा है, जो वर्तमान वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक है।
राजनाथ सिंह के कथनों के मुख्य बिंदु:
- अंतरराष्ट्रीय रिश्ते लगातार बदलते रहते हैं।
- कोई भी देश स्थायी रूप से मित्र या शत्रु नहीं होता।
- भारत की विदेश नीति लचीली और परिस्थिति के अनुसार होनी चाहिए।
- राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वायत्तता को प्राथमिकता दी जाएगी।
- वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने की इच्छा।
इस दृष्टिकोण से, भारत ने अपनी कूटनीतिक रणनीतियों को अधिक समकालीन और प्रगतिशील बनाने का संकेत दिया है, जो बदलते विश्व परिदृश्य में देश के हितों की रक्षा करने के लिए आवश्यक है।
ज़्यादा कहानियां
नागापट्टिनम में TVK का श्रीलंकाई नौसेना द्वारा मछुआरों की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
दिल्ली में फ्लाइट में देरी ने यात्रियों को किया परेशान, कई यात्राएं हुईं प्रभावित
भोपाल में मध्य प्रदेश पुलिस ट्रेनिंग में भगवद गीता पाठ ने उड़ाई राजनीति की गर्माहट