अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है, जो विश्व के किसी भी देश पर लगाए गए सबसे उच्च शुल्कों में से एक है। इस कदम के पीछे का कारण अमेरिका का आरोप है कि भारत, रूस से कच्चा तेल खरीदकर, मास्को की यूक्रेन पर युद्ध छेड़ने की वित्तीय मदद कर रहा है।
भारतीय बाजारों पर प्रभाव
इस टैरिफ के लागू होने के बाद भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई है। प्रमुख सूचकांक सेंसक्स और निफ्टी दोनों में तेज दबाव रहा, जिससे निवेशकों में चिंता का माहौल बन गया है।
सरकार की प्रतिक्रिया और राहत के उपाय
इस बीच, सरकार ने कपास के आयात शुल्क में छूट बढ़ा दी है, ताकि किसानों और उद्योगों को कुछ राहत मिल सके। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी कदम भारतीय व्यापार और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव डालेगा, लेकिन सरकार के उपायों से नकारात्मक प्रभाव को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
व्यापार और कूटनीति पर प्रभाव
भारत-यूएस के व्यापार संबंधों में यह नया मोड़ दोनों देशों के बीच रणनीतिक कूटनीति को भी प्रभावित कर सकता है। भारतीय कंपनियों को नए टैरिफ के तहत अपनी व्यापार नीति में महत्वपूर्ण बदलाव करने पड़ सकते हैं।
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