नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन इंटरपोल ने भारत की मांग पर दो सिल्वर नोटिस जारी किए हैं। इन नोटिसों का उद्देश्य भारत में अपराधों से जुड़े संदिग्धों की छुपी हुई संपत्तियों का पता लगाना है। जनवरी 2025 में शुरू किया गया यह सिल्वर नोटिस, इंटरपोल के रंग-कोडित नोटिस और संवाद प्रणाली का नवीनतम और प्रभावशाली हिस्सा है।
सिल्वर नोटिस का प्रयोग उन मामलों में होता है जहां किसी व्यक्ति से संबंधित संपत्तियों का पता लगाने की जरूरत होती है, ताकि अपराधों में लगे वित्तीय संसाधनों को ट्रैक किया जा सके। भारत ने इस प्रणाली का सहारा लेते हुए इंटरपोल से ऐसे अपराधियों की सम्पत्ति के बारे में जानकारी मांगी है जो देश में आर्थिक अपराधों और धनशोधन में शामिल हैं।
यह कदम भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपराध नियंत्रण और आर्थिक अपराधों पर कड़ी नजर बनाए रखने की पहल को मजबूत करता है। इससे न केवल अपराधियों की संपत्ति की जांच होगी, बल्कि विदेशों में जमा अवैध धन की भी पहचान संभव होगी।
इस पहल के प्रमुख लाभ:
- अपराधियों की छुपी संपत्ति की खोज को बढ़ावा देना।
- आर्थिक अपराधों और धनशोधन पर नियंत्रण मजबूत करना।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से न्यायिक और जांच एजेंसियों का समर्थन।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग के इस प्रयास से भारत के न्यायिक और जांच एजेंसियों को बड़ा सहारा मिलेगा। यह प्रयास आगे चलकर आर्थिक अपराधों को कम करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
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