नई दिल्ली में एक हालिया बयान में, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह दावा किया कि युद्ध के दौरान भारत और पाकिस्तान को आर्थिक टैरिफ के माध्यम से चेतावनी दी गई थी। ट्रंप के अनुसार, यह कदम क्षेत्रीय तनाव को कम करने और दोनों देशों को अपने विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के लिए प्रेरित करने का उद्देश्य था।
ट्रंप ने यह भी कहा कि यह रणनीति एक नई प्रकार की कूटनीति थी, जिसमें आर्थिक दबावों का इस्तेमाल सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए किया जाता है। उन्होंने यह संकेत दिया कि इस तरह के उपाय भविष्य में भी लागू किए जा सकते हैं।
टैरिफ के पीछे की रणनीति
ट्रंप ने बताया कि आर्थिक टैरिफ लगाने से दोनों देशों को यह एहसास हुआ कि युद्ध उनके लिए आर्थिक नुकसानदेह होगा, जिससे द्विपक्षीय विवादों को सुलझाने में मदद मिली।
भारत-पाकिस्तान संबंधों पर असर
भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनावों को ध्यान में रखते हुए, इस तरह के आर्थिक उपायों ने दोनों देशों की सरकारों को बातचीत और समझौते की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
निष्कर्ष: इस मामले में ट्रंप की टिप्पणी से पता चलता है कि आर्थिक माध्यमों का इस्तेमाल केवल व्यापार या बाजार के लिए ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और कूटनीति के लिए भी किया जा सकता है। यह दृष्टिकोण भविष्य में विश्व राजनीति में नई दिशा ला सकता है।
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