नई दिल्ली और हंगरी ने संयुक्त रूप से एलिज़ाबेथ ब्रूनर द्वारा बनाए गए 2,000 से अधिक महात्मा गांधी के चित्रों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के लिए आवेदन किया है। यह चित्र संग्रह भारत के स्वतंत्रता संग्राम और सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ माना जा रहा है।
चित्रों का महत्व
एलिज़ाबेथ ब्रूनर ने 1930 और 1940 के दशक में इन चित्रों के माध्यम से गांधीजी के जीवन की जटिलताओं और उनके अदम्य साहस को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है।
पहल के उद्देश्य
- इन चित्रों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाना।
- युवा पीढ़ी को आज़ादी के महत्त्वपूर्ण दौर को समझाने में मदद करना।
- भारत की समृद्ध विरासत को और भी सशक्त बनाना।
- दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक सहयोग को मजबूत करना।
संग्रहालय और भविष्य की योजनाएं
महात्मा गांधी के इन चित्रों का संग्रहालय स्थायी रूप से दुनिया भर के लोगों के लिए खुला रहेगा। इस पहल से सांस्कृतिक संवाद और इतिहास की समझ को बढ़ावा मिलेगा।
यूनेस्को की मान्यता मिलने पर यह संग्रह भारत की सांस्कृतिक विरासत को और अधिक मजबूती प्रदान करेगा।
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