नई दिल्ली: केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने हाल ही में संशोधित SO2 (सल्फर डाइऑक्साइड) उत्सर्जन मानदंडों का समर्थन किया है। मंत्रालय ने उन आलोचनाओं को खारिज किया जो इस फैसले के खिलाफ आवाज़ उठा रही थीं। यह बयान एक ऐसे समय में आया है जब 11 जुलाई को केंद्र सरकार ने कई कोयला प्लांट्स को फ्लू गैस डीसलफराइजेशन (FGD) यूनिट्स लगाने की अंतिम तिथि बढ़ा दी थी और कुछ प्लांट्स को इससे छूट भी दी थी।
मंत्रालय ने बताया कि प्रस्तावित बदलाव का उद्देश्य पर्यावरण सुरक्षा और ऊर्जा उत्पादन के बीच संतुलन स्थापित करना है। इसके तहत:
- कोयला आधारित बिजली केंद्रों को FGD यूनिट्स लगाने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया है।
- यह अतिरिक्त समय उन्हें आवश्यक तकनीकी और वित्तीय तैयारियाँ पूरी करने में मदद करेगा।
मंत्रालय ने आलोचकों की चिंताओं को भी मूल्यांकन किया है, लेकिन उनका मत है कि संशोधित नियम देश के ऊर्जा क्षेत्र की स्थिरता के लिए फायदेमंद होंगे।
इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण संरक्षण को सुनिश्चित करना है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि:
- पर्यावरण संरक्षण उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
- वे उत्सर्जन कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाते रहेंगे।
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