नई दिल्ली: द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, 2023 में विश्व के उन आठ देशों में भारत भी शामिल था, जहाँ आधे से अधिक बच्चों को टीका नहीं लग पाया।
इस रिपोर्ट ने स्वास्थ्य सेवा में मौजूद असमानताओं को उजागर किया है। अध्ययन में यह भी पाया गया कि डिप्थीरिया, टेटनस और पर्टसिस की वैक्सीन के पहले वर्ष में न लगने वाले कुल 15.7 मिलियन बच्चों में से 1.44 मिलियन बच्चे भारत में हैं।
यह आंकड़ा देश की स्वास्थ्य सेवा की चुनौतियों को दर्शाता है और वैक्सीनेशन कवरेज को बढ़ाने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता को रेखांकित करता है। टीकाकरण न होने के कारण बच्चे गंभीर बीमारियों के शिकार हो सकते हैं, जो उनकी जीवन प्रत्याशा और स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
सरकारी और गैर-सरकारी संस्थान इस दिशा में काम कर रहे हैं, लेकिन अभी भी व्यापक प्रयासों की जरूरत है ताकि सभी बच्चों को सुरक्षित और प्रभावी टीके मिल सकें। यह अध्ययन एक चेतावनी है कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के बिना देश में बच्चों की सुरक्षा खतरे में रहेगी।
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