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निशिकांत दुबे ने महाराष्ट्र में चल रहे भाषा विवाद पर राज ठाकरे पर तीखा वार किया है। यह विवाद काफी समय से महाराष्ट्र के सांस्कृतिक और राजनीतिक परिदृश्य में गरमाता रहा है। निशिकांत दुबे ने कहा कि भाषा का मुद्दा केवल राजनीतिक दिखावा नहीं होना चाहिए, बल्कि इसके पीछे सामाजिक समरसता बनाए रखना आवश्यक है।
उन्हें यह भी चिंता है कि इस तरह के विवाद महाराष्ट्र की विविधता को नुकसान पहुंचा सकते हैं और यहां के लोगों के बीच गलतफहमी पैदा कर सकते हैं। निशिकांत दुबे ने राज ठाकरे से आग्रह किया है कि वे इस विवाद को हल्के में न लें और भाषा संस्कृति के सम्मान के साथ साथ सभी समुदायों के बीच पनप रहे मतभेदों को भी समझें।
राज ठाकरे ने पहले अपने बयानों में महाराष्ट्र के लोगों की भाषा और संस्कृति के संरक्षण के लिए कड़ा रुख अपनाया था, जिससे यह विवाद और भी उग्र हो गया। दोनों पक्षों के बीच इस मुद्दे पर संवाद की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है ताकि विवाद escalation से बचाया जा सके।
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