पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगम ने जल संकट की गंभीर स्थिति को देखते हुए 20 अप्रैल 2024 को नई जल प्रबंधन नीति लागू की है। यह नीति क्षेत्र के लगभग 30 लाख निवासियों के लिए पानी की उपलब्धता को बेहतर बनाने पर केंद्रित है। इसे वर्ष 2024-25 के बजट सत्र में पारित किया गया और इसका मुख्य उद्देश्य जल आपूर्ति बढ़ाना तथा जल व्यय नियंत्रण करना है।
घटना क्या है?
नई नीति के अंतर्गत निम्नलिखित कदम उठाए जाएंगे:
- वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देना।
- जल चोरी रोकने के लिए तकनीकी उपाय लागू करना।
- नागरिकों को पानी के उचित उपयोग के प्रति जागरूक करना।
- जलापूर्ति के लिए नए टैंक और पाइपलाइन नेटवर्क स्थापित करना।
कौन-कौन जुड़े?
यह नीति पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगम जल विभाग के नेतृत्व में लागू की गई है, जिसका समर्थन महाराष्ट्र राज्य जल मंत्रालय ने भी दिया है। इसके साथ ही, परियोजना में स्थानीय प्रशासन, विभिन्न सामाजिक संगठन और विशेषज्ञों की भागीदारी महत्वपूर्ण रही है।
आधिकारिक बयान/दस्तावेज़
नगर आयुक्त विनोद शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि नई नीति से जल की उपलब्धता कम-से-कम 20% बढ़ाने की उम्मीद है। जल संकट के हालिया आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन महीनों में पानी की मांग में 15% वृद्धि हुई है। बजट में इस नीति के लिए कुल 150 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
तत्काल प्रभाव
- नागरिकों को पानी की रेशनिंग और आपातकालीन जलापूर्ति के लिए तैयार रहना होगा।
- बाजारों में पानी की सप्लाई नियमित की जाएगी।
- पानी की आदान-प्रदान पर अधिक सख्ती लागू की जाएगी।
- तकनीकी निवेश से जल चोरी को कम करने की संभावना है।
प्रतिक्रियाएँ
- सरकार ने नीति को एक सकारात्मक कदम के रूप में सराहा है।
- विपक्षी दलों ने प्रभावी नियंत्रण पर जोर दिया है।
- पर्यावरण विशेषज्ञ मानते हैं कि वर्षा जल संचयन मॉडल प्रभावी हो सकता है।
- स्थानीय लोग इससे राहत की उम्मीद कर रहे हैं।
आगे क्या?
नगर निगम आगामी दो माह में नीति के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा करेगा और आवश्यक संशोधन करेगा। पहली समीक्षा बैठक 15 जून 2024 को निर्धारित है, जिसके बाद विस्तार से जानकारी साझा की जाएगी।
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