केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के बद्दी औद्योगिक क्षेत्र में पर्यावरण सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए 1 अप्रैल 2024 से नई नीति लागू की है। इस नीति का उद्देश्य स्थानीय पर्यावरणीय सुधार और प्रदूषण नियंत्रण को सुनिश्चित करना है।
मुख्य बिंदु
- कड़े पर्यावरणीय मानकों के अंतर्गत उद्योगों को स्वच्छ उत्पादन प्रक्रियाएँ अपनानी होंगी।
- जल एवं वायु प्रदूषण नियंत्रण के उपाय अनिवार्य होंगे।
- अपशिष्ट प्रबंधन के लिए विशेष प्रावधान पालन करना आवश्यक होगा।
- नियम उल्लंघन पर जुर्माना और लाइसेंस रद्द होने की संभावना है।
- दो वर्षों में प्रदूषण स्तर में न्यूनतम 15% कमी लाने का लक्ष्य।
- दो सौ करोड़ रुपये के पर्यावरण संरक्षण कोष का प्रावधान।
जिम्मेदार एवं भागीदार
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इस नीति को संयोजित किया है। हिमाचल प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन ने इसके लागू होने को सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए हैं। बद्दी औद्योगिक परिसरों के उद्योग संगठन और पर्यावरण विशेषज्ञ इस पहल में सक्रिय हैं।
सरकारी बयान और निगरानी
पर्यावरण मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि नीति का पालन न करने वाले उद्योगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय प्रशासन नियमित निगरानी करेगा और नियमों के अनुपालन के लिए त्वरित कदम उठाएगा।
प्रतिक्रियाएं
- सरकार ने इस नीति को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है।
- हिमाचल प्रदेश उद्योग संगठन ने समर्थन जताया है, साथ ही त्वरित और स्पष्ट क्रियान्वयन की मांग की है।
- पर्यावरण विशेषज्ञों ने नीति की प्रशंसा करते हुए इसे औद्योगिक विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन के लिए आवश्यक बताया है।
आगे की योजना
सरकार ने नीति के प्रभाव की समीक्षा दो वर्षों में करने और आवश्यक सुधार किए जाने की बात कही है। साथ ही, पर्यावरण और उद्योग दोनों के हितों का ध्यान रखते हुए निरंतर निगरानी और कार्रवाई होगी।
यह पहल न केवल बद्दी बल्कि देश के अन्य औद्योगिक क्षेत्रों के लिए भी एक मॉडल बनेगी, जिससे स्वच्छ और टिकाऊ औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
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