भारत में एंटीबायोटिक्स की अनियमित और असमान पहुंच से सुपरबग्स यानी एंटीबायोटिक प्रतिरोधी जीवाणुओं का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। कुछ लोगों के लिए ये दवाएं अत्यधिक उपयोग में हैं, जबकि कई गरीब और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोग इन दवाओं से वंचित हैं।
एंटीबायोटिक्स के गलत उपयोग से खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि एंटीबायोटिक्स का गलत और जरूरत से ज्यादा सेवन संक्रमणों में प्रतिरोध विकसित करता है, जिससे सुपरबग्स का विकास होता है। वहीं, कई हिस्सों में दवाओं की अनुपलब्धता के कारण मरीजों को सही उपचार नहीं मिल पाता, जिससे जानलेवा संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ता है।
स्वास्थ्य सेवा की असमानता के प्रभाव
भारत में स्वास्थ्य सेवा की असमानता और दवाओं की खराब पहुंच से इलाज के गंभीर अंतर पैदा हो रहे हैं। यह स्थिति न केवल मरीजों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी गंभीर दबाव बना रही है।
विशेषज्ञों की सलाह
विशेषज्ञों ने कहा है कि:
- सही तरीके से एंटीबायोटिक्स का उपयोग अनिवार्य है।
- दवाओं की समान पहुंच सुनिश्चित की जानी चाहिए।
- इन उपायों से संक्रमणों पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकता है।
- सुपरबग्स की चुनौती को रोका जा सकता है।
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