भारत और यूरोपीय संघ (EU) इस वर्ष के अंत तक पूर्ण मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में तेजी से काम कर रहे हैं। इस महत्वपूर्ण समझौते का मुख्य फोकस निम्नलिखित क्षेत्रों पर है:
- टैरिफ (शुल्क)
- सेवा क्षेत्र की पहुँच
- नियम, जैसे कि CBAM (कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मेकैनिज्म)
इसके अलावा, दोनों पक्ष निवेश और जियोग्राफिकल इंडिकेशन (GI) लेन-देन पर भी बातचीत कर रहे हैं। साथ ही, संवेदी क्षेत्रों जैसे कि डेयरी और ऑटोमोबाइल उद्योगों पर भी गहन चर्चा की जा रही है।
समझौते के महत्व
यह समझौता दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए अत्यंत अहम माना जा रहा है। भारतीय उद्योग विशेषज्ञ और व्यापारिक संगठन मानते हैं कि यह FTA:
- देश की निर्यात संभावनाओं को मजबूत करेगा।
- भारत की वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा क्षमता को बढ़ाएगा।
इस समझौते के पूरा होने से भारत-यूरोपीय संघ के बीच आर्थिक सहयोग नए स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है, जो दोनों पक्षों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।
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