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महाराष्ट्र में वर्तमान में एक जोरदार भाषाई विवाद छिड़ा हुआ है। इसमें बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने ममता के बाद अब राज ठाकरे को जवाब दिया है। यह विवाद खासकर भाषा के सवाल पर केन्द्रित है, जिसमें जनता और राजनीतिक दल एक-दूसरे के बचाव या आरोप लगाने में लगे हुए हैं।
भाषाई मुद्दे पर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बयानों के बीच तनातनी कब और कैसे शुरू हुई, इसके कई पहलू हैं। निशिकांत दुबे ने अपने बयान में राज ठाकरे के आरोपों को सिरे से खारिज किया है और कहा है कि भाजपा सरकार सभी भाषाओं का सम्मान करती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह विवाद केवल विपक्ष की राजनीति है।
इस विवाद के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:
- भाषा का संरक्षण: सभी भाषाओं के सम्मान की बात हो रही है, जिसका समर्थन बीजेपी सांसद ने किया।
- राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप: राज ठाकरे के बयान के जवाब में निशिकांत दुबे ने भाजपा की भूमिका स्पष्ट की।
- महाराष्ट्र की जनता की भावनाएं: भाषाई विवाद में आम जनता की संवेदनाएं जुड़ी हुई हैं।
इस पूरे मामले में राजनीतिक दलों के बयानबाजी के बीच जनता को शांति बनाए रखनी होगी और आपसी समझ बढ़ानी होगी।
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