वर्तमान समय में, भारतीय छात्रों की यूरोप की ओर बढ़ती हुई प्रवृत्ति स्पष्ट रूप से देखी जा रही है। जबकि यूके में भारतीय छात्रों को मिलने वाले छात्र वीज़ा की संख्या में 26% की गिरावट आई है, यूरोप के विभिन्न देशों में उनकी संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिल रही है।
यूके में छात्र वीज़ा में गिरावट
हाल ही के आंकड़ों के अनुसार, यूके में भारतीय छात्रों के लिए जारी छात्र वीज़ा की संख्या 1.20 लाख से घटकर 88,732 रह गई है। यह बड़ी गिरावट छात्रों की पसंद में बदलाव का संकेत है।
यूरोप की बढ़ती लोकप्रियता के कारण
विशेषज्ञ बताते हैं कि यूरोप की ओर प्रवृत्ति के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
- बेहतर अवसर: यूरोप के विश्वविद्यालय अध्ययन के बाद करियर के लिए बेहतर विकल्प प्रदान करते हैं।
- कम खर्च: शैक्षणिक और जीवनयापन खर्च यूरोप में यूके की तुलना में कम हो सकते हैं।
- उच्च अध्ययन गुणवत्ता: यूरोप के कुछ देश उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा के लिए प्रसिद्ध हैं।
- नीतिगत बदलाव: विभिन्न देशों की आव्रजन नीतियों में सुधार के कारण यूरोप की ओर आकर्षण बढ़ा है।
भारतीय छात्रों के लिए संभावनाएं
इस परिवर्तन से भारतीय छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के विकल्प और अधिक विविध हो रहे हैं। यूरोप की शिक्षा नीतियां और छात्र सहायता सेवाएं अब और भी महत्वपूर्ण हो गई हैं, जो छात्रों का बेहतर मार्गदर्शन और समर्थन करती हैं।
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