नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ के तहत विभिन्न राज्यों के आदिवासी नेताओं से मुलाकात की, जहाँ उन्होंने असली सशक्तिकरण को लोगों के अधिकारों की मान्यता और सम्मान से जोड़ा।
राष्ट्रपति का संदेश और आदिवासी विकास
राष्ट्रपति ने आदिवासी समुदायों के सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक विकास पर अपना विशेष जोर दिया, साथ ही यह स्पष्ट किया कि उनकी भागीदारी बिना किसी भेदभाव के सुनिश्चित करना आवश्यक है। उन्होंने आदिवासी नेताओं से:
- अपने समुदायों के मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाने
- विकास की दिशाओं को मजबूत करने
का आग्रह किया।
आदि कर्मयोगी अभियान के उद्देश्य
‘आदि कर्मयोगी अभियान’ का मुख्य उद्देश्य है:
- आदिवासियों के अधिकारों की सुरक्षा
- उनकी पहचान को बढ़ावा देना
- जनप्रतिनिधियों और आदिवासी नेताओं के बीच बेहतर समझ और सहयोग स्थापित करना
अधिकारों की मान्यता और राष्ट्र के विकास में भूमिका
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि अधिकारों की मान्यता से ही लोगों का सशक्तिकरण संभव है, जो देश के विकास में अहम योगदान देगा। वे आदिवासी जनता के उत्थान के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।
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