लोकसभा में हाल ही में एक महत्वपूर्ण डेटा संरक्षण विधेयक पारित हुआ है, जो देश में डिजिटल निजता के क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ने के लिए प्रस्तावित किया गया था। यह विधेयक 2024 में पारित हुआ और इसे देश की बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था तथा नागरिकों के निजता अधिकारों की सुरक्षा के मद्देनजर बनाया गया है।
घटना क्या है?
यह डेटा संरक्षण विधेयक भारत के नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के लिए कानूनी रूप से सशक्त उपाय प्रदान करता है। विधेयक में डिजिटल प्लेटफार्मों, कंपनियों और सरकारी निकायों द्वारा डेटा संग्रहण, प्रसंस्करण और संरक्षण की जिम्मेदारियां स्पष्ट की गई हैं।
इसकी खासियत है कि यह नागरिकों को अपने डेटा पर नियंत्रण का अधिकार देगा तथा डेटा उल्लंघन की स्थिति में कड़ी सजा का प्रावधान करेगा।
कौन-कौन जुड़े?
इस विधेयक का निर्माण केंद्र सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने किया था। विधेयक पर संसद में विस्तार से बहस हुई, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपनी राय रखी। सुप्रीम कोर्ट और डेटा सुरक्षा विशेषज्ञों ने पिछले वर्षों में आवश्यक सुझाव दिए थे।
विधेयक को लोकसभा में 75% बहुमत से पारित किया गया।
आधिकारिक बयान/दस्तावेज़
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि विधेयक देश के डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करेगा।
संसद में वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि “यह विधेयक नागरिकों के निजता अधिकारों की रक्षा करता है और उद्योग को जिम्मेदार बनाता है।”
पुष्टि-शुदा आँकड़े
- विधेयक में डेटा उल्लंघन की स्थिति में 5 करोड़ रुपये तक का जुर्माना या 3 साल तक की कैद का प्रावधान है।
- देश में डिजिटल उपयोगकर्ता 75 करोड़ से अधिक हैं, जो इस विधेयक की आवश्यकता को और बढ़ाते हैं।
- वोटिंग प्रतिशत कुल सदस्यों में 85% था।
तत्काल प्रभाव
इस विधेयक पारित होने के बाद सभी डिजिटल सेवा प्रदाताओं को नए नियमों का पालन करना होगा। इससे डिजिटल कारोबारों को संक्रमण काल में चुनौतियां आएंगी लेकिन ग्राहक की सुरक्षा बेहतर होगी।
नागरिकों को अपने व्यक्तिगत जानकारी के उपयोग पर अधिक नियंत्रण मिलेगा।
प्रतिक्रियाएँ
- सरकार ने विधेयक पारित होने पर इसे एक कदम प्रगति बताया।
- विपक्ष ने कुछ खामियों की ओर ध्यान दिया और कहा कि विधेयक में नागरिक स्वतंत्रता के संरक्षण की और गहराई से जांच होनी चाहिए।
- कई विशेषज्ञों ने इसे निजता सुरक्षा के लिए स्वागत योग्य कदम माना।
- उद्योग मंडल ने लागू करने में तकनीकी चुनौतियां बताई।
आगे क्या?
विधेयक अब राज्य सभा में भेजा जाएगा, जहाँ अंतिम पारित होने के बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
इसके अलावा, केंद्र सरकार ने इस पर प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम शुरू करने की भी योजना बनाई है।
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