भारतीय संसद की लोकसभा ने हाल ही में डेटा संरक्षण विधेयक 2024 पारित किया है। यह विधेयक 10 जून 2024 को नई दिल्ली में पारित हुआ, जिसका उद्देश्य नागरिकों के डिजिटल डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करना है। यह कदम डिजिटल युग में बढ़ती साइबर सुरक्षा चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
घटना क्या है?
डेटा संरक्षण विधेयक 2024 के तहत व्यक्तिगत डेटा को लेकर कड़े सुरक्षा नियम लागू किए गए हैं। विधेयक में डेटा संग्रह, उपयोग, और साझा करने की नियमावली स्पष्ट की गई है। विधेयक के अनुसार, किसी भी संस्था को व्यक्तिगत डेटा के उपयोग के लिए स्पष्ट सहमति लेनी अनिवार्य होगी। साथ ही, उल्लंघन करने पर कड़ी सजा और जुर्माना निर्धारित किया गया है।
कौन-कौन जुड़े?
इस विधेयक के निर्माण में निम्नलिखित इकाइयों ने सहयोग किया:
- सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय
- इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
- संसद की स्थायी समिति
विधेयक को संसद सदनों में व्यापक बहस के बाद मंजूरी मिली। इसके अलावा, डेटा सुरक्षा विशेषज्ञ, उपभोक्ता संगठन और तकनीकी उद्योग के प्रमुख भी इस प्रक्रिया में अपनी राय देने वाले पक्ष थे।
आधिकारिक बयान/दस्तावेज़
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि यह विधेयक निजता और डेटा सुरक्षा को लेकर भारत की नीतियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मंत्रालय ने कहा कि भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए यह आवश्यक कदम है। संसद के कार्यवाही रिकॉर्ड में 70% सांसदों ने विधेयक के पक्ष में मतदान किया।
पुष्टि-शुदा आँकड़े
- भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 80 करोड़ से अधिक है।
- डेटा उल्लंघन के मामलों में पिछले वर्ष 25% वृद्धि हुई थी।
विधेयक के साथ, गलत सूचना प्रवाह और साइबर अपराधों में कमी देखने की उम्मीद है।
तत्काल प्रभाव
यह विधेयक पारित होते ही डिजिटल सेवा प्रदाताओं के लिए सख्त नियम लागू हो गए हैं। उपभोक्ताओं को उनके डेटा के नियंत्रण का अधिकार मिलेगा, जिससे उनकी निजता की रक्षा होगी। बाजारों में भी डेटा सुरक्षा को लेकर विश्वास बढ़ा है, जिससे विदेशी निवेश को बढ़ावा मिल सकता है।
प्रतिक्रियाएँ
- सरकार ने विधेयक को डिजिटल भारत मिशन के लिए मील का पत्थर करार दिया।
- विपक्ष के कुछ सदस्यों ने कहा कि कुछ प्रावधान कड़े हैं और छोटे व्यवसायों को प्रभावित कर सकते हैं।
- विशेषज्ञों ने इसे भारत के लिए एक सकारात्मक कदम बताया, लेकिन इसके क्रियान्वयन पर निगरानी बनाए रखने की आवश्यकता बताई।
- उद्योग जगत ने इसे विकास के नए अवसरों के रूप में देखा है।
आगे क्या?
अब विधेयक की पुष्टि राज्यों की विधानसभाओं में भी करवाई जाएगी। सरकार ने बताया है कि इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए एक स्वतंत्र डेटा सुरक्षा प्राधिकरण गठित किया जाएगा, जो 1 अगस्त 2024 तक कार्यभार ग्रहण करेगा। इसके अलावा, नागरिकों को जागरूक करने के लिए व्यापक अभियान चलाया जाएगा।
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