व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ सलाहकार ने हाल ही में भारत की भूमिका पर विशेष टिप्पणी की है, जो रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस बयान में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और उनकी विदेश नीति को एक नई दिशा देने वाले दृष्टिकोण की समीक्षा की गई है।
भारत की भूमिका
रूस-यूक्रेन युद्ध में विश्व की प्रमुख शक्तियों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, व्हाइट हाउस के सलाहकार ने कहा कि भारत ने इस संघर्ष में एक संतुलित और रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाया है। उनकी बातों से यह स्पष्ट होता है कि भारत ने दोनों पक्षों के साथ संवाद बना कर रखा है और शांति स्थापना के लिए परिपक्व तटस्थता बरती है।
मोदी का जंग में दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति को लेकर यह टिप्पणी इस बात को रेखांकित करती है कि भारत ने अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए जटिल अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में अपनी भूमिका बनाई है। उन्होंने वर्तमान तनाव के बीच क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता को प्राथमिकता दी है।
महत्वपूर्ण बिंदु
- भारत की तटस्थता: भारत ने रूस-यूक्रेन संघर्ष में किसी भी पक्ष के खिलाफ संघर्ष नहीं किया।
- कूटनीतिक प्रयास: शांति स्थापना के लिए भारत ने लगातार कूटनीतिक प्रयास जारी रखे।
- आर्थिक और रणनीतिक हित: मोदी सरकार ने दोनों पक्षों के साथ अपने आर्थिक और रक्षा संबंधों को संतुलित किया।
इस प्रकार, व्हाइट हाउस के सलाहकार की यह टिप्पणी भारत की विदेश नीति को एक सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने का अवसर प्रदान करती है और मोदी के नेतृत्व में भारत की वैश्विक भूमिका को समझने में मदद करती है।
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