November 8, 2025

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सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्देश: पर्यावरण संरक्षण के लिए नए मानकों की घोषणा

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सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण संरक्षण के लिए नए मानकों की घोषणा की है, जो पूरे भारत में लागू होंगे। यह निर्णय 20 अप्रैल 2024 को दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक पीठ द्वारा अधिसूचित किया गया है। इस कदम का उद्देश्य बढ़ते पर्यावरणीय संकट और प्रदूषण को नियंत्रित करना है।

घटना क्या है?

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्यों को आदेश दिया है कि वे पर्यावरण संरक्षण के लिए कड़े नियम लागू करें। इसमें वायु, जल, और ध्वनि प्रदूषण के लिए विशेष मानक तय किए गए हैं। कोर्ट ने महंगे तकनीकी समाधानों के बजाय सस्ती और प्रभावी उपाय अपनाने की बात कही है।

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कौन-कौन जुड़े?

  • सुप्रीम कोर्ट
  • पर्यावरण मंत्रालय
  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB)
  • राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
  • विभिन्न गैर-सरकारी संगठन

सभी सरकार संबंधित विभाग और स्थानीय निकाय इन मानकों को लागू करेंगे।

आधिकारिक बयान/दस्तावेज़

सुप्रीम कोर्ट की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि आदेश पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के अंतर्गत जारी किया गया है। फैसले में संसदीय कार्यवाही और विशेषज्ञों की राय को ध्यान में रखा गया है। पर्यावरण मंत्रालय ने भी सभी राज्यों को आदेश का अनुपालन जांचने का निर्देश दिया है।

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पुष्टि-शुदा आँकड़े

  • पिछले पांच वर्षों में वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों में 15% वृद्धि
  • जल प्रदूषण में 10% की बढ़ोतरी
  • नए मानकों के तहत 20% वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में सुधार का लक्ष्य

तत्काल प्रभाव

उद्योगों को उत्सर्जन मानकों को कड़ा करना होगा, जिससे पर्यावरण अनुकूल तकनीकों को बढ़ावा मिलेगा। सामान्य नागरिकों को स्वच्छ वातावरण प्राप्त होगा और पर्यावरणीय उपकरणों की मांग भी बढ़ेगी।

प्रतिक्रियाएँ

  • सरकार ने आदेश का स्वागत करते हुए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया।
  • विपक्ष ने इसे महत्वपूर्ण निर्णय माना, पर प्रभावी अनुपालन पर बल दिया।
  • पर्यावरण विशेषज्ञों ने इसे सकारात्मक कदम बताया।
  • उद्योग जगत ने चुनौतियाँ बताकर समय के साथ अनुकूलन की बात कही।
  • आम जनता ने इसे उम्मीद के साथ स्वीकार किया।

आगे क्या?

  1. सभी संबंधित विभागों को 6 महीनों के भीतर अनुपालन सुनिश्चित करना होगा।
  2. पर्यावरण मंत्रालय को अगले 3 महीनों में समीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
  3. आवश्यकता पड़ने पर कोर्ट मामले की दोबारा सुनवाई भी करेगा।

सभी पक्षों के प्रयास पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं। ताज़ा जानकारी के लिए Questiqa Bharat को पढ़ते रहें।

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