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अमित शाह ने हिंदी दिवस के अवसर पर एक महत्वपूर्ण संदेश दिया, जिसमें उन्होंने भाषा की सांस्कृतिक विरासत और तकनीकी प्रगति के बीच के संबंध पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं है, बल्कि यह देश की सांस्कृतिक धरोहर का एक अभिन्न हिस्सा है।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आधुनिक तकनीकी प्रगति के दौर में हिंदी भाषा को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए निरंतर प्रयास हो रहे हैं। डिजिटल प्लेटफार्मों पर हिंदी की उपस्थिति बढ़ रही है, जिससे यह भाषा न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर भी और अधिक प्रभावशाली हो रही है।
अमित शाह के हिंदी दिवस संदेश के प्रमुख बिंदु
- सांस्कृतिक विरासत: हिंदी भाषा को राष्ट्रीय सौंदर्य और गौरव का प्रतीक बताया गया।
- तकनीकी प्रगति: हिंदी के डिजिटल और तकनीकी विकास पर विशेष ध्यान।
- राष्ट्रीय एकात्मता: हिंदी भाषा के माध्यम से देश की एकता और सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ावा।
- भविष्य की दिशा: युवाओं और तकनीकी माहिरों को हिंदी भाषा के साथ जुड़ने की प्रेरणा।
अमित शाह ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे हिंदी को अपनाएं और इसके विकास में योगदान दें ताकि यह भाषा और अधिक समृद्ध तथा विश्वव्यापी बन सके। हिंदी दिवस इस दिशा में एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो हमें अपनी भाषा और संस्कृति के प्रति गर्व महसूस कराता है।
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