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अमित शाह ने हाल ही में हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के बीच समरसता पर विशेष जोर दिया है। उन्होंने यह बात भाषा की एकात्मता और भारत की सांस्कृतिक विविधता को ध्यान में रखते हुए कही।
अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि हिंदी को भारत की राष्ट्रीय भाषा के रूप में बढ़ावा देने के साथ-साथ अन्य भारतीय भाषाओं का भी सम्मान और संरक्षण किया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि भाषाओं के मेल से ही राष्ट्रीय एकता मजबूत होती है।
अमित शाह के मुख्य बिंदु
- हिंदी भाषा को बढ़ावा देने की आवश्यकता।
- अन्य भारतीय भाषाओं का संरक्षण और सम्मान।
- भाषाई विविधता में समरसता बनाए रखने का आग्रह।
- राष्ट्रीय एकता के लिए भाषाई संवाद का महत्व।
उन्होंने कहा कि सभी भाषाओं का सम्मान करते हुए हिंदी को अपनाना चाहिए ताकि सांस्कृतिक समरसता बनी रहे और देश की एकता मजबूत हो। इस पहल से विभिन्न भाषाई समुदायों के बीच बेहतर समझ और सहयोग संभव होगा।
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