अमित शाह ने हाल ही में हिंदी भाषा को विज्ञान, तकनीक और न्याय क्षेत्र में बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने का संकेत दिया है। यह पहल हिंदी को इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में व्यापक रूप से प्रयोग और विकास के लिए सहायक बनाने की एक कोशिश है।
विज्ञान और तकनीक में हिंदी का प्रोत्साहन
अमित शाह ने कहा कि विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देने से शोधकर्ता और विद्यार्थी अपनी मातृभाषा में ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उनकी समझ बेहतर होगी और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि तकनीकी दस्तावेजों और वैज्ञानिक शोधपत्रों का हिंदी में अनुवाद या सृजन किया जाना चाहिए।
न्याय क्षेत्र में हिंदी का विकास
न्यायिक प्रक्रियाओं में भी हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल देते हुए अमित शाह ने सही और त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए हिंदी भाषा को अदालतों और न्यायिक संस्थानों में प्राथमिक भाषा बनाने का सुझाव दिया। इससे आम जनता के लिए न्याय व्यवस्था और अधिक सुलभ होगी।
सरकार की योजनाएं और कार्ययोजनाएं
अमित शाह के संकेतों के अनुसार, सरकार जल्द ही हिंदी भाषा के प्रसार और विकास के लिए कई योजनाएं लागू करेगी। इनमें शामिल हो सकते हैं:
- शैक्षिक संस्थानों में हिंदी में वैज्ञानिक शिक्षण सामग्री का विकास।
- तकनीकी और वैज्ञानिक दस्तावेजों का हिंदी अनुवाद।
- न्यायिक क्षेत्र में हिंदी भाषा प्रशिक्षण और सुधार।
- हिंदी भाषा में डिजिटल एवं तकनीकी संसाधनों का सृजन।
इन कदमों से न केवल हिंदी का दायरा बढ़ेगा बल्कि यह देश की सांस्कृतिक और भाषाई विरासत को भी सशक्त करेगा।
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