August 11, 2025

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अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर बढ़ाए 25% अतिरिक्त टैरिफ, रूस के तेल खरीदने पर जताई आपत्ति

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आयातित वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का आदेश दिया है। यह कदम भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद को लेकर अमेरिका की आपत्ति के कारण उठाया गया है। अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि रूस के तेल निर्यात से प्राप्त आय यूक्रेन युद्ध के लिए वित्तपोषण में लग रही है।

घटना का विवरण

23 अगस्त 2025 को जारी आदेश के तहत कई भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा। इस टैरिफ का उद्देश्य मास्को पर आर्थिक दबाव बढ़ाना है ताकि यूक्रेन संकट समाप्त हो सके।

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प्रमुख पक्ष

  • अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय
  • अमेरिका के विभागीय मंत्रालय
  • भारत सरकार
  • भारतीय निर्यातक संघ
  • अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञ

आधिकारिक बयान और दस्तावेज़

व्हाइट हाउस ने कहा है कि भारत की रूसी तेल की निरंतर खरीद से अमेरिका की वैश्विक सुरक्षा नीति को चुनौती मिली है। अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय ने टैरिफ की सूची और लागू होने की तारीख 15 सितम्बर 2025 घोषित की है। भारत सरकार ने इसे व्यापार बाधा बताते हुए अपूर्ण और नकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।

पुष्टि-शुदा आँकड़े

  • पिछले वित्त वर्ष में भारत ने रूसी तेल की खरीद में 12 अरब डॉलर खर्च किए।
  • यह कुल तेल आयात का लगभग 18 प्रतिशत है।
  • नई टैरिफ नीति में लगभग 200 भारतीय उत्पाद शामिल हैं।
  • अमेरिकी व्यापार आयोग ने कहा है कि इससे भारतीय निर्यात में 15 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।

तत्काल प्रभाव

भारतीय वस्त्र, कृषि उत्पाद और औद्योगिक उपकरणों की अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा कमजोर हो सकती है। निर्यातकों की लागत बढ़ेगी और निर्यात में कमी की संभावना है। साथ ही, अमेरिकी उपभोक्ताओं को महंगाई बढ़ने का सामना करना पड़ सकता है।

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प्रतिक्रियाएँ

  • भारत सरकार ने इस कदम को “अनावश्यक” और “व्यापारिक हितों के विरुद्ध” बताया है।
  • विपक्षी दलों ने चिंता जताई है और समाधान के लिए बातचीत की मांग की है।
  • अर्थशास्त्री इस निर्णय को विदेशी व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव डालने वाला मानते हैं।
  • उद्योग जगत ने तत्काल वित्तीय सहायता और रणनीतियों की मांग की है।

आगे की संभावनाएँ

  1. भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता तथा उच्चस्तरीय बैठकें आयोजित की जाएंगी।
  2. भारत विश्व व्यापार संगठन (WTO) में इस निर्णय की शिकायत दाखिल कर सकता है।
  3. भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा रणनीति में विविधता लाकर दूसरी आपूर्ति स्रोतों की खोज करेगा।

यह स्थिति दोनों देशों के आर्थिक और रणनीतिक संबंधों पर व्यापक प्रभाव डाल सकती है। आगामी समय में दोनों देशों की बातचीत और निर्णयों पर सभी की नजरें टिकी हैं।

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