अमेरिका में केरल के सांसद और लेखक थरूर ने एक महत्वपूर्ण अवसर पर पश्चिमी देशों को एक करारा संदेश दिया। उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच के संबंधों और आतंकवाद के मुद्दे पर अपनी विचारधारा साफ करते हुए वैश्विक समुदाय को सोचने पर मजबूर कर दिया।
थरूर ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच की जटिल समस्याओं का समाधान केवल द्विपक्षीय बातचीत और समझ से ही संभव है, न कि बाहरी दबाव या एकतरफा आलोचनाओं से। उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोनों देशों को मिलकर काम करना होगा, क्योंकि यह समस्या केवल किसी एक देश तक सीमित नहीं है।
थरूर के मुख्य बिंदु
- पश्चिमी देशों के लिए संदेश: थरूर ने कहा कि पश्चिम को क्षेत्रीय मुद्दों में बिना पूरी जानकारी के दखल देने से बचना चाहिए।
- भारत-पाक संबंध: उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सामंजस्य और संवाद ही स्थायी शांति की कुंजी है।
- आतंकवाद के खिलाफ प्रयास: आतंकवाद का मुकाबला केवल सीमा पार से नहीं, बल्कि अंदरुनी और वैश्विक स्तर पर रणनीतियाँ अपनानी होंगी।
थरूर का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग बढ़ाकर ही आतंकवाद को जड़ से खत्म किया जा सकता है। उन्होंने सभी देशों से आग्रह किया कि वे भारत और पाकिस्तान दोनों के विचार और चिंताओं को समझकर ही किसी कदम पर विचार करें।
इस वक्तव्य के बाद, अमेरिका सहित कई पश्चिमी देशों के कूटनीतिक हलकों में इस चर्चा ने नई गति पकड़ ली है, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि दक्षिण एशिया के लिए स्थायी शांति में मदद मिल सकेगी।
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