कनाडा के प्रधानमंत्री द्वारा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आगामी G7 सम्मेलन में आमंत्रित करने के फैसले को लेकर काफी विवाद उत्पन्न हो गया है। इस कदम की जनता और राजनीतिक दलों दोनों की तरफ से कड़ी आलोचना हो रही है, विशेषकर सिख समुदाय और विपक्षी पार्टियों में।
मोदी को आमंत्रित करने पर विरोध
कनाडा में सिख कार्यकर्ता हरीदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत सरकार पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस संदर्भ में मार्क कार्नी ने स्पष्ट करें से बचा है कि क्या भारतीय प्रधानमंत्री का इस हत्या मामले में कोई संबंध है। इस बयान ने विवाद को और भी बढ़ा दिया है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
विधायकों और आम जनता का मानना है कि जब किसी व्यक्ति पर हत्या और मानवाधिकार उल्लंघनों के आरोप लगे हों, तो उसे ऐसे महत्वपूर्ण वैश्विक मंच पर बुलाना उचित नहीं है। विरोधी दल इस निर्णय को कनाडा की विदेश नीति के लिए नुकसानदेह करार दे रहे हैं।
कूटनीतिक तनाव
यह विवाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में तनाव पैदा कर रहा है। जबकि G7 सम्मेलन का उद्देश्य वैश्विक चुनौतियों पर सहयोग करना और चर्चा करना होता है, इस विवाद ने उन प्रयासों को प्रभावित किया है।
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