September 9, 2025

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केंद्र सरकार ने जारी किया 2024-25 का आर्थिक सर्वे: वित्तीय विकास के प्रमुख संकेत

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केंद्रीय आर्थिक सेवा विभाग ने 31 मार्च 2024 को भारत का आर्थिक सर्वे 2024-25 प्रस्तुत किया। यह दस्तावेज़ देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति, विकास दर, मुद्रास्फीति, और आगामी वित्तीय नीतियों का विस्तृत आकलन करता है। आर्थिक सर्वे प्रत्येक साल वित्त मंत्री के बजट भाषण के पूर्व जारी किया जाता है और इस बार भी इसका महत्व संसद एवं आम जनता के लिए काफी अधिक है।

घटना क्या है?

आर्थिक सर्वे 2024-25 31 मार्च को वित्त मंत्रालय ने आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किया। यह रिपोर्ट पिछले वर्ष की तुलना में अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण करती है। वित्त मंत्री ने इसे वित्तीय सशक्तीकरण और सुधार की दिशा में एक मील का पत्थर बताया। मुख्य बिंदुओं में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि, मुद्रास्फीति के स्तर, औद्योगिक उत्पादन, तथा रोजगार सृजन के आँकड़े शामिल हैं।

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समयरेखा

  • जनवरी-फरवरी 2024: डेटा एकत्रित एवं विशेषज्ञ समूहों की समीक्षा
  • 25 मार्च 2024: प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार
  • 31 मार्च 2024: आर्थिक सर्वे का पूर्ण संस्करण जारी

कौन-कौन जुड़े?

इस रिपोर्ट के निर्माण में कई केंद्रीय विभाग जैसे आर्थिक मामलों का विभाग, योजना आयोग के विशेषज्ञ, भारत के संसद के सदस्य, उद्योग विशेषज्ञ, और विभिन्न बैंकिंग एवं वित्तीय संस्थान सम्मिलित थे। RBI (भारतीय रिज़र्व बैंक) द्वारा उपलब्ध कराए गए मौद्रिक आंकड़े भी इस सर्वे में सम्मिलित हैं।

आधिकारिक बयान एवं दस्तावेज़

सरकार ने एक प्रेस रिलीज़ में इस सर्वे की मुख्य विशेषताएं साझा की हैं, जिसमें बताया गया है कि 2023-24 में GDP विकास दर 6.8% रही, जो कि पिछले वर्ष की 6.1% से बेहतर संकेत है। मुद्रास्फीति दर नियंत्रित रही, वार्षिक औसत 4.5% दर्ज की गई। कृषि क्षेत्र में 3.2% की वृद्धि देखी गई, जबकि सेवा क्षेत्र ने 7.5% का योगदान दिया। इस सर्वे में सरकार ने डिजिटल अर्थव्यवस्था पर जोर देते हुए नवीनतम नीतियों को भी रेखांकित किया है।

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तत्काल प्रभाव

  • बाज़ार में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखी गई।
  • शेयर बाजार ने 1.5% की तेजी दर्ज की।
  • निवेशकों में विश्वास बढ़ा।
  • नीति निर्माताओं ने इस रिपोर्ट को आगामी बजट तैयार करने के लिए आधार माना।
  • आम नागरिकों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ने के संकेत मिले।

प्रतिक्रियाएँ

सरकार ने आर्थिक सर्वे को देश की प्रगति का प्रमाण बताया है। विपक्ष ने कुछ नीतियों पर चिंता व्यक्त की है कि वे सभी वर्गों तक लाभ नहीं पहुंचा पा रही हैं। विशेषज्ञों ने रिपोर्ट की सराहना करते हुए कहा कि यह आर्थिक सुधारों का सही प्रतिबिंब है, लेकिन सतत विकास के लिए और अधिक प्रयास जरूरी हैं। उद्योग जगत ने निवेश के लिए सकारात्मक वातावरण बनने की उम्मीद जताई है।

आगे क्या?

  • सरकार ने 1 फरवरी 2025 को बजट पेश करने का अवसर लिया है, जिसमें इस आर्थिक सर्वे के सुझावों को शामिल कर नीति निर्धारण किया जाएगा।
  • आगामी छह महीनों में डिजिटल अर्थव्यवस्था और संपत्ति कर सुधार पर विस्तृत अधिवेशन होने वाले हैं।
  • देश के आर्थिक प्रबंधन और निगरानी के लिए लगातार आँकड़ों का विश्लेषण जारी रहेगा।

ताज़ा अपडेट्स के लिए पढ़ते रहिए Questiqa Bharat

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