कनाडा सरकार ने अल्बर्टा में होने वाले G7 सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित करने के अपने फैसले की संसद में कड़ी आलोचना का सामना किया है। इस निर्णय पर प्रो-खालिस्तान समूहों, NDP और लिबरल पार्टी के सांसद सुख ढालिवाल ने आपत्ति जताई है।
प्रो-खालिस्तान समूहों ने इस कदम को गंभीरता से लिया है और मोदी की उपस्थिती पर सवाल उठाए हैं। वहीं, NDP और सुख ढालिवाल ने भी इस फैसले पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है और सरकार से स्पष्टता देने की मांग की है।
कनाडाई सरकार ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा है कि G7 सम्मेलन में सभी महत्वपूर्ण वैश्विक नेताओं को शामिल करना आवश्यक है ताकि वैश्विक मुद्दों पर बेहतर सहयोग और समझ बढ़ सके। उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्णय राष्ट्रों के बीच मैत्री और विकास को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है।
यह कदम कनाडा की विदेश नीति में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत करता है और दोनों देशों के संबंधों को मजबूती देने के प्रयास की ओर इशारा करता है।
प्रमुख बिंदु:
- G7 सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित करना कनाडाई सरकार का निर्णय है।
- प्रो-खालिस्तान समूहों और कुछ राजनीतिक दलों ने इस निर्णय की आलोचना की है।
- सरकार ने वैश्विक नेताओं को आमंत्रित करने की आवश्यकता और मैत्री बढ़ाने के उद्देश्य से इस कदम का बचाव किया।
- यह मुद्दा आगामी दिनों में भी राजनीतिक और सामुदायिक चर्चा का विषय बना रहेगा।
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