जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता ओमर अब्दुल्ला ने हाल ही में सिंधु नदी के पानी को अन्य राज्यों को नहीं देने के विषय में एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर अपने जल संसाधनों को लेकर किसी भी समझौते के लिए तैयार नहीं है, जो क्षेत्र की भौगोलिक और पर्यावरणीय जरूरतों के खिलाफ हो।
ओमर अब्दुल्ला ने कहा कि सिंधु नदी का पानी जम्मू-कश्मीर की जीवन रेखा है और इसे संरक्षण देना प्रमुख प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने अन्य राज्यों से आग्रह किया कि वे जम्मू-कश्मीर के हितों का सम्मान करें और इस महत्वपूर्ण संसाधन का विवेकपूर्ण और संतुलित उपयोग सुनिश्चित करें।
ओमर अब्दुल्ला के बयान के मुख्य बिंदु
- सिंधु नदी का पानी क्षेत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसे अन्य राज्यों को नहीं दिया जाएगा।
- जल संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण जम्मू-कश्मीर की प्रमुख प्राथमिकता है।
- अन्य राज्यों से निकटता और सहयोग के साथ पानी के उपयोग को लेकर संवाद की उम्मीद।
- जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए जल नीति विकसित करने की आवश्यकता।
इसके अलावा, उन्होंने केंद्र सरकार से भी इस मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखाने की अपील की है ताकि जम्मू-कश्मीर के लोगों के हितों की रक्षा हो सके। इस बयान के बाद क्षेत्र में जल संसाधनों को लेकर राजनैतिक और सामाजिक चर्चाएं बढ़ने की संभावना है।
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