पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में एक साक्षात्कार में दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित नाभिकीय युद्ध को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि वे समय रहते हस्तक्षेप नहीं करते तो यह संघर्ष एक बड़े नाभिकीय संघर्ष में बदल सकता था।
ट्रम्प के दावे और अन्य कूटनीतिक प्रयास
- ट्रम्प ने कांगो और रवांडा के बीच चल रही लड़ाइयों को रोकने का श्रेय भी लिया।
- उन्होंने ईरान की नाभिकीय क्षमता को सीमित करने में अपनी भूमिका को भी रेखांकित किया।
- उनका कहना है कि उन्होंने समय रहते कूटनीतिक हस्तक्षेप करके कई वैश्विक संघर्षों को टालने में मदद की।
वैश्विक और क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्य
ट्रम्प के इस बयान ने वैश्विक सुरक्षा और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में तनाव की स्थिति पर एक नई बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञ इस बयान के राजनीतिक और कूटनीतिक असर का गहराई से विश्लेषण कर रहे हैं।
- भारत-पाकिस्तान संबंधों के बीच बढ़ते तनाव को लेकर यह टिप्पणी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
- फिलहाल दोनों देशों ने इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
- यह बयान दक्षिण एशिया में स्थिरता की दिशा में चुनौतियों को दर्शाता है।
आगे की अपडेट्स के लिए Questiqa Bharat के साथ जुड़े रहें।
ज़्यादा कहानियां
बिहार: चुनाव से पहले हर विधानसभा क्षेत्र से हट सकते हैं 23,000 मतदाता
मालदीव में बदले रिश्ते: पूर्व मंत्री का भारत और पीएम मोदी की प्रशंसा
दिल्ली में विमान दुर्घटना: जानिए क्या हुआ 23 जुलाई, 2025 को