दक्षिण भारतीय सिनेमा ने हाल ही में बॉक्स ऑफिस संग्रह के मामले में बॉलीवुड को पीछे छोड़ दिया है। यह बदलाव भारतीय फिल्म उद्योग के परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है। इस वृद्धि के पीछे प्रमुख कारण दक्षिण के ब्लॉकबस्टर फिल्मों जैसे ‘पुष्पा 2’, ‘बाहुबली 2’, और ‘KGF: चैप्टर’ की सफलता है।
घटना क्या है?
पिछले कुछ वर्षों में दक्षिण भारतीय फिल्मों की लोकप्रियता में तेज वृद्धि हुई है। विशेष रूप से तेलुगु, तमिल, कन्नड़ और मलयालम भाषाओं की फिल्में नए दर्शकों को आकर्षित कर रही हैं। बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के आंकड़ों के अनुसार, दक्षिण की यह बड़ी फिल्में राष्ट्रीय स्तर पर करोड़ों रुपये की कमाई कर रही हैं। इनमें ‘बाहुबली 2’ ने अकेले विश्व स्तर पर 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की थी। हाल ही में रिलीज हुई ‘पुष्पा 2’ और ‘KGF: चैप्टर 2’ ने भी समान रूप से जबरदस्त सफलता हासिल की है।
कौन-कौन जुड़े?
इस मामले में प्रमुख खिलाड़ी निम्नलिखित हैं:
- दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग के निर्माता, निर्देशक, कलाकार, और वितरक
- तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, और केरल राज्य सरकारें
- राष्ट्रीय फिल्म बोर्ड एवं भारतीय सेंसर बोर्ड
आधिकारिक बयान/दस्तावेज़
भारतीय फिल्म वितरक एसोसिएशन (AFDA) ने बताया है कि दक्षिण भारतीय फिल्मों का राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कलेक्शन पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत बढ़ा है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का भी मानना है कि दक्षिण भारतीय सिनेमा ने देश के विविध सांस्कृतिक पहलुओं को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया है, जिसके कारण इसे राष्ट्रीय पहचान मिली है।
पुष्टि-शुदा आंकड़े
- ‘पुष्पा 2’ ने रिलीज के पहले सप्ताहांत में लगभग 250 करोड़ रुपये का संग्रह किया।
- ‘KGF: चैप्टर 2’ ने कुल मिलाकर 1,200 करोड़ रुपये तक की कमाई दर्ज की।
- बॉलीवुड की वर्तमान शीर्ष फिल्मों का औसत संग्रह दक्षिण भारतीय फिल्मों के मुकाबले कम रहा है।
तत्काल प्रभाव
इस बदलाव का प्रभाव मुख्य रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों में देखा जा रहा है:
- फिल्म वितरण और प्रदर्शनी क्षेत्र में थिएटर मालिक दक्षिण भारतीय फिल्मों को अधिक समय दे रहे हैं।
- हिंदी फिल्मों की रिलीज़ शेड्यूलिंग प्रभावित हो रही है।
- दक्षिण भारतीय फिल्मों को नई भाषाओं में डब करने एवं डिजिटल प्लेटफार्मों पर रिलीज़ के अधिक अवसर मिल रहे हैं।
प्रतिक्रियाएँ
सरकार ने कहा है कि वे फिल्म उद्योग के इस नवाचार और विकास को प्रोत्साहित करेंगे। विपक्षी दलों ने इसे भारतीय सिनेमा के विस्तार की दिशा में सकारात्मक संकेत माना है। फिल्म विशेषज्ञों का मानना है कि उच्च गुणवत्ता और नई कहानी कहने की शैली दक्षिण भारतीय सिनेमा की सफलता के मुख्य कारण हैं। दर्शक वर्ग भी इस परिवर्तन को बहुत पसंद कर रहा है।
आगे क्या?
फिल्म उद्योग आगामी महीनों में निम्न योजनाएं बना रहा है:
- दक्षिण भारतीय फिल्मों के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और विस्तार की योजना।
- सरकारें उपयुक्त नीतियाँ लागू कर कलाकारों और कर्मियों के हितों की सुरक्षा पर ध्यान दें।
- डिजिटल मीडिया और OTT प्लेटफार्मों पर इन फिल्मों की उपलब्धता बढ़ाने की संभावना।
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