दिल्ली में हुए 12 जून की एयर इंडिया विमान दुर्घटना के एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति विश्वस कुमार रमेश के लिए यह घटना केवल भाग्य नहीं, बल्कि एक गहरी त्रासदी साबित हुई है। बहुत लोग उन्हें सबसे भाग्यशाली व्यक्ति मानते हैं, लेकिन विश्वस के लिए इस हादसे से उबरना आसान नहीं रहा।
दुर्घटना के बाद विश्वस कई मानसिक और भावनात्मक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। वे अभी तक पूरी तरह से बात नहीं कर पा रहे हैं और अपने डर और आघात को हर दिन लड़ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह सामान्य प्रतिक्रिया है क्योंकि ऐसी भीषण त्रासदी किसी के लिए भी भारी हो सकती है।
विश्वस की बहादुरी और जीवित बचने की कहानी ने देशवासियों को गहराई से प्रभावित किया है। उनके परिवार और चिकित्सकों द्वारा उनकी देखभाल की जा रही है ताकि वे जल्द से जल्द इस दर्दनाक अनुभव से उबर सकें।
इस दर्दनाक हादसे ने सभी में सहानुभूति और समर्थन की भावना जगाई है। विश्वस के साहस और मजबूती की कहानी देश के लिए एक प्रेरणा बनी हुई है।
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