नई दिल्ली। भारत में पहली बार 2027 की जनगणना में ‘स्व-गणना’ (Self-Enumeration) का नया तरीका अपनाया जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत नागरिक बिना किसी जनगणना अधिकारी के घर आए, खुद ऑनलाइन या अन्य माध्यमों से अपना डेटा भर सकेंगे। इस कदम का मकसद जनगणना को और अधिक सरल, तेज़ और किफायती बनाना है।
स्व-गणना के फायदे
- सूचना सुरक्षा: नागरिकों को अपनी जानकारी सुरक्षित रखने का अधिकार मिलता है।
- लचीला समय: वे अपने समय के अनुसार डेटा भर सकते हैं।
- सरकारी खर्च में कमी: अधिकारियों को हर परिवार के पास भेजने की जरूरत नहीं होगी, जिससे खर्च कम होगा।
- डिजिटल सशक्तिकरण: यह पहल भारत की डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
स्व-गणना के संभावित नुकसान
- डिजिटल विभाजन: हर नागरिक के पास इंटरनेट की सुविधा या डिजिटल ज्ञान नहीं हो सकता, जिससे डेटा संग्रहण में बाधाएं आ सकती हैं।
- गलत डेटा जमा होने का खतरा: अधूरा या गलत डेटा जनगणना की विश्वसनीयता को प्रभावित कर सकता है।
सरकारी प्रयास
सरकार ने इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए व्यापक प्रशिक्षण और समर्थन प्रणाली शुरू की है ताकि हर नागरिक इस नई तकनीक का सही उपयोग कर सके।
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