दिल्ली, भारत – युद्ध और अन्य आपातकाल के समय, लोग हर मिनट की समाचार चाहते हैं। हालांकि, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कुछ भारतीय टीवी चैनलों ने हद से ज्यादा खबरें चलाकर स्थिति को और जटिल बना दिया। कई बार ये चैनल अतिशयोक्ति करते हुए अनावश्यक रिपोर्टिंग करते दिखे, जिससे दर्शक भ्रमित हो गए।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी परिस्थितियों में तथ्यात्मक और संतुलित खबरें अधिक महत्वपूर्ण होती हैं। सोशल मीडिया जिस तरह तेजी से खबरें साझा करता है, उससे कभी-कभी खबर का स्तर बेहतर लग सकता है। परन्तु भारतीय टीवी न्यूज कभी-कभी अपने आकर्षक प्रस्तुतीकरण और तेजी से खबरें देने के दबाव में इस संतुलन को खो देते हैं।
इस घटना ने दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि किस स्रोत से खबर लेनी चाहिए और खबर के सही तथ्यों को समझना कितना जरूरी है। इसके बाद, कई चैनलों ने अपनी रिपोर्टिंग शैली में सुधार की पहल भी की है ताकि आशंका और अफवाहों से बचा जा सके।
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