दिल्ली में भारतीय मीडिया की अंतरराष्ट्रीय खबरों की प्रस्तुति हाल ही में एक महत्वपूर्ण विवाद का केंद्र बनी है। कई रिपोर्टों में बताया गया है कि प्रमुख समाचार संस्थान शिखर सम्मेलनों और कूटनीतिक कार्यक्रमों को केवल दिखावे और दृश्यता के लिए कवर कर रहे हैं, जिससे भारत की बदलती रणनीतिक स्थिति की गहरी समझ जनता तक नहीं पहुंच पा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार का कवरेज राजनीतिक सत्ता पक्ष को लाभ पहुंचाता है, लेकिन आम नागरिकों के लिए आवश्यक और सटीक जानकारी की कमी रहती है।
मीडिया कवरेज के नकारात्मक प्रभाव
- एकतरफा और चमकदार कवरेज से भारत की अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक छवि प्रभावित हो सकती है।
- सच्चाई को प्रस्तुत करने में मीडिया का कर्तव्य कमजोर पड़ता है।
- देश-विदेश की जटिल राजनीतिक घटनाओं की गहन समझ दर्शकों तक नहीं पहुंच पाती।
मीडिया को अपनानी चाहिए निम्नलिखित प्राथमिकताएँ:
- तथ्यों का सटीक और निष्पक्ष प्रस्तुति
- कूटनीति की वास्तविक स्थिति और नीति की गहन व्याख्या
- दर्शकों को समृद्ध और विश्लेषणात्मक जानकारी प्रदान करना
अंतरराष्ट्रीय मामलों को केवल रंगीन और शोभायमान बनाने के बजाय, मीडिया को तथ्यों और विश्लेषण पर जोर देना चाहिए ताकि जनता की जागरूकता बढ़े और भारत की कूटनीतिक नीति की वास्तविकता सामने आए।
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