भारत के ऊर्जा खपत का केवल 22 प्रतिशत भाग इलेक्ट्रिसिटी के रूप में होता है, जबकि बाकी ऊर्जा की मांग मुख्यतः जीवाश्म ईंधन जैसे तेल, कोयला, और गैस जलाने से पूरी होती है। यह स्थिति भारत के जलवायु संकट से निपटने में एक बड़ी चुनौती प्रस्तुत करती है।
भारत के जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक कदम
- नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत जैसे सौर और पवन ऊर्जा पर विशेष जोर देना।
- 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में कमी लाना।
- गैर-जीवाश्म ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाना।
- नई तकनीकों का प्रयोग और ऊर्जा की बचत पर ध्यान केंद्रित करना।
- तेल, कोयला और गैस के उपयोग में कमी लाना।
सौर ऊर्जा में प्रगति
भारत ने सौर ऊर्जा उत्पादन में तेजी से प्रगति की है, जो देश के स्थायी विकास के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह बदलाव ऊर्जा क्षेत्र में नई तकनीकों के इस्तेमाल और पर्यावरण की गुणवत्ता सुधारने के प्रयासों का हिस्सा है।
भविष्य की ऊर्जा रणनीति
भारत की ऊर्जा रणनीति में संतुलन बनाए रखना और नए ऊर्जा स्रोतों को अपनाना बेहद महत्वपूर्ण है। ऐसे प्रयास भारत को एक स्वच्छ और टिकाऊ भविष्य की ओर ले जाएंगे।
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