इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव का प्रभाव वैश्विक ऊर्जा बाजार पर देखा जा रहा है, खासकर तेल की कीमतों में उछाल के रूप में। भारत, जो मुख्य रूप से मध्य पूर्व से अपनी तेल जरूरतें पूरी करता है, इस स्थिति को लेकर चिंतित है।
भारत के तेल भंडार और ऊर्जा सुरक्षा पर प्रभाव
हालांकि, भारत के पेट्रोलियम मंत्री ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल इस तनाव का भारत के तेल भंडार पर कोई प्रत्यक्ष असर नहीं होगा। मंत्रालय ने बताया है कि देश के पास पर्याप्त तेल भंडार मौजूद हैं और सरकार इस विषय पर पूरी नजर रखे हुए है।
आपूर्ति सुनिश्चित करने की रणनीति
मंत्री ने यह भी कहा कि भारत ने तेल की आपूर्ति के लिए वैकल्पिक स्रोतों का विकल्प विकसित किया है, ताकि किसी भी तरह की आपूर्ति रुकावट को टाला जा सके।
विश्लेषकों की राय
- भारत की सतर्कता और आपूर्ति प्रबंधन के पीछे रिलायंस और ONGC जैसी कंपनियों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
- इन कंपनियों की सफल भंडारण रणनीतियों ने भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत किया है।
भविष्य की संभावनाएं
यह स्थिति कब तक चलेगी और इसका वैश्विक ऊर्जा बाजार पर कितना बड़ा प्रभाव पड़ेगा, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।
सरकारी प्रयास और सतर्कता के चलते फिलहाल भारत के तेल भंडार और ऊर्जा सुरक्षा पर कोई गंभीर खतरा नजर नहीं आता।
ज़्यादा कहानियां
नई दिल्ली में ट्रंप की भारत नीति पर विशेषज्ञ का खास बयान, समझिए गहराई से
बैंगलुरु में एयर इंडिया फ्लाइट को क्रैश करने की धमकी देने वाली डॉक्टर को हटा दिया गया
तेलंगाना में चला बड़ा ऑपरेशन: IIT ग्रेजुएट समेत 15 ऑनलाइन सेक्सुअल प्रीडेटर्स गिरफ्तार