नई दिल्ली: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में पारदर्शिता और समावेशन की आवश्यकता अब पहले से ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि AI को भारत स्टैक की तरह खुला और समावेशी बनाया जाना चाहिए ताकि यह सभी के लिए सुलभ और उपयोगी हो सके।
भारत स्टैक एक डिजिटल पहल है जिसने देश भर में वित्तीय और सरकारी सेवाओं को सरल और सभी के लिए उपलब्ध बनाया। इसी तरह AI भी यदि खुला और समावेशी होगा तो यह समाज के विभिन्न वर्गों की आवश्यकताओं को बेहतर तरीके से पूरा कर सकेगा।
वर्तमान में AI टेक्नोलॉजी में चैटजीपीटी और गूगल जैसे संसाधनों का व्यापक उपयोग हो रहा है। कई विशेषज्ञों का कहना है कि AI विकसित करते समय निम्नलिखित मिश्रण अपनाना चाहिए:
- 40% चैटजीपीटी
- 40% गूगल
- 20% अपनी खुद की सोच
इस मिश्रण से AI पूरी तरह से ईमानदार और प्रभावी बन सकेगा। शुरुआत में यह तरीका धोखा जैसा लग सकता है, लेकिन समय के साथ इसे नई सोच और नवाचार के रूप में देखा जा रहा है।
यह दृष्टिकोण AI के क्षेत्र में नए अवसरों और संभावनाओं के द्वार खोल सकता है, जिससे तकनीक और अधिक सबके लिए उपयोगी बन सकेगी।
Stay tuned for Deep Dives for more latest updates.
ज़्यादा कहानियां
दिल्ली में पहुँची ईरान के मशहद से भारतीयों को निकालने वाली पहली उड़ान
नई दिल्ली: ‘हम समझते हैं, हमारी अपेक्षा अधिक है’ – ईरानी राजदूत्व का भारत के रुख पर बयान
नई दिल्ली में ईरानी राजदूत ने कहा: ‘हम समझते हैं, हमारी उम्मीदें अधिक हैं’ – भारत की भूमिका पर उठे सवाल