नई दिल्ली में कांग्रेस पार्टी ने भारत की बाहर की नीति में हाल के परिवर्तनों पर संसद में बहस आयोजित करने की मांग की है। पार्टी का कहना है कि वर्तमान विदेश नीति में एक तरह का भटकाव दिखाई दे रहा है, जो देश के हितों के खिलाफ हो सकता है। विशेष रूप से, कांग्रेस ने संयुक्त राष्ट्र के गाजा क्षेत्र में युद्धविराम प्रस्ताव पर भारत के संकोचपूर्ण रुख की तीव्र आलोचना की है।
कांग्रेस का मत है कि इस प्रस्ताव पर भारत का तटस्थ रहना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि इसे दर्दनाक और अस्वीकार्य निर्णय माना जाना चाहिए। उन्होंने सरकार से इस विषय में स्पष्टता और पारदर्शिता की मांग की है, जिससे देश के विदेश संबंधों को लेकर किसी प्रकार का भ्रम न रहे।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने इस नीति को लेकर कहा कि यह भारत की वैश्विक छवि को प्रभावित कर सकती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि विदेश नीति को देश के संविधान, लोकतांत्रिक मूल्यों और वैश्विक सुरक्षा के नजरिए से पुनः समीक्षा की आवश्यकता है।
आगामी संसद सत्र में कांग्रेस का यह विरोध प्रमुख बहसों में शामिल हो सकता है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस मुद्दे पर तीव्र बहस से सरकार को अपनी विदेश नीति में परिपक्वता दिखानी होगी।
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