दिल्ली में हुए भारत-यूके व्यापार समझौते के तहत 14 PLI (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) सेक्टर्स को विशेष सुरक्षा और प्रोत्साहन मिलेगा। यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत बनाने और निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है।
इस समझौते के अंतर्गत, उन सेक्टर्स को लाभ मिलेगा जो उत्पादन आधारित प्रोत्साहन पर निर्भर करते हैं, जिससे इन क्षेत्रों में निवेश और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। भारत सरकार ने PLI योजना के तहत 14 प्रमुख सेक्टर्स की पहचान की है, जिनमें
- इलेक्ट्रॉनिक्स
- फार्मास्यूटिकल्स
- ऑटोमोटिव
- टेक्सटाइल
- खाद्य प्रसंस्करण
- और अन्य रणनीतिक क्षेत्र शामिल हैं।
यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को और अधिक गहरा बनाने में सहायक होगा। इसके साथ ही, भारत को विदेशी निवेश बढ़ाने और घरेलू उत्पादन को सशक्त करने में मदद मिलेगी।
समझौते के मुख्य लाभ
- पीएलआई सेक्टर्स में दी गई सुरक्षा: इन सेक्टर्स को सरकारी प्रोत्साहन और वित्तीय सहायता मिलेगी।
- विनिमय बढ़ावा: भारत और यूके के बीच व्यापार का दायरा व्यापक होगा।
- निवेश में वृद्धि: दोनों देशों के निवेशकों के लिए नए अवसर खुलेंगे।
- रोजगार सृजन: उत्पादन आधारित उद्योगों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
कुल मिलाकर, यह समझौता भारत के PLI कार्यक्रम को वैश्विक मंच पर मजबूती प्रदान करेगा और दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
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