नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण विवाद के बीच ‘देश पहले’ की अपील की है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर भारत मर गया तो कौन जिएगा?’’ थरूर ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि कई पार्टियां आपको असभ्य या निष्ठावान न मानती हैं, लेकिन आपकी पहली प्राथमिकता देश होना चाहिए।
उन्होंने कांग्रेस पार्टी में निष्ठा को लेकर जारी बहस पर भी बात की और बताया कि व्यक्तिगत या पार्टी हित से ऊपर देश का हित सबसे अहम है। थरूर का यह कदम राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां वे साफ शब्दों में देशभक्ति को सर्वोपरि मानने की बात करते नजर आए।
राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, थरूर का यह बयान आगामी चुनावी रणनीतियों और पार्टी के अंदर चल रहे मतभेदों पर प्रभाव डाल सकता है। इस बयान से पार्टी के सदस्यों के बीच भावनाओं की लहरें उठी हैं, और इसे एक सामाजिक-सांस्कृतिक संदेश भी माना जा रहा है। विपक्षी दल भी इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
शशि थरूर का संदेश
शशि थरूर का यह संदेश हो सकता है कि:
- राजनीतिक दलों की निष्ठा से पहले देश की एकता और विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए।
- देशभक्ति को सर्वोच्च स्थान दिया जाना चाहिए।
- व्यक्तिगत या पार्टी हित से ऊपर देश का हित अहम माना जाना चाहिए।
यह बयान राजनीति में न केवल एक दिशा संकेत कर रहा है बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी यह बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। देश की एकता और विकास को सर्वोपरि रखने की यह अपील वर्तमान समय की जरूरत है।
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