नई दिल्ली: NITI आयोग ने हाल ही में चीनी कंपनियों के लिए भारत में निवेश नियमों को आसान बनाने का प्रस्ताव पेश किया है। यह प्रस्ताव आर्थिक सहयोग और निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है।
भारत ने अप्रैल 2020 में चीनी और भारतीय सैनिकों के गालवान घाटी में हुई झड़प के बाद अपने विदेशि प्रत्यक्ष निवेश (FDI) नियमों को सख्त कर दिया था। विशेष रूप से, उन देशों के लिए जिनके साथ भारत की जमीन सीमा साझा है, निवेश नियमों को कड़ा किया गया था।
इस व्यवस्था के तहत चीनी फर्मों को भारत में निवेश हेतु सरकार की पूर्व मंजूरी लेना अनिवार्य था। अब NITI आयोग इस परिस्थिति में संभावित बदलाव की वकालत कर रहा है, ताकि निवेश प्रक्रिया को सरल एवं सहज बनाया जा सके। यह कदम भारत-चीन के बीच आर्थिक संबंधों में सुधार और निवेश प्रवाह को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सरकारी अधिकारियों ने बताया है कि यह प्रस्ताव अभी विचाराधीन है और इसे लागू करने से पहले कई स्तरों पर समीक्षा की जाएगी। निवेश नियमों में किसी भी तरह के बदलाव का उद्देश्य भारत की आर्थिक वृद्धि को गति देना और विदेशी निवेश को आकर्षित करना है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- NITI आयोग ने चीनी कंपनियों के लिए निवेश नियमों में ढील का प्रस्ताव दिया है।
- अप्रैल 2020 में गालवान घाटी की झड़प के बाद नियम सख्त किए गए थे।
- प्रस्ताव का उद्देश्य निवेश प्रक्रिया को सरल बनाना और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है।
- प्रस्ताव अभी विचाराधीन है और कई स्तरों पर समीक्षा होगी।
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